तुम कहाँ रहते हो?

तुम कहाँ रहते हो?
मैं अपनी आत्मा की परछाई में रहता हूँ
तुम क्या करतेहो ?
मैं चुपचाप सब कुछ सहता हूँ
तुम क्या देखते हो ?
हर तरफ आंसूं जो आँखों से बहते रहता है
क्या सोचते हो दिन रात तुम ?
अपने ही सवालों में उलझा रहता हूँ
क्या चाहते हो तुम ?
हर किसी की हर चाह पूरी होना
क्या तुम एक उत्तर हो ?
मैँ दोनो तरफ लगा प्रश्नचिन्ह हूँ ??????
राजेश अरमान

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