तुम मेरी कविताओं का आधार हो
सच कहूं तो तुम
मेरे दुश्मन नहीं,
मेरे इष्ट हो
मेरी प्रतिभा,
मेरे प्रेरक हो
तुम्हारे कारण ही मैं
इतना कुछ कह जाती हूं
अपने भावों को तुम तक पहुंचाती हूं जिंदगी की हर छोटी बड़ी बात
तुम्हें बताती हूं
जो किसी से नहीं कहती
तुमसे कह जाती हूँ
तुम मेरी कविताओं का आधार हो मेरे गुरु,
मेरे विचार हो।।
अतिसुंदर रचना
धन्यवाद
शुक्रिया
सुंदर भाव