तेरी खामोशियां
तेरी खामोशियां आज भी
गीत गाती हैं
लबों पर मेरे
मुस्कान आती हैं
रात थम जाती है
उस वक़्त
जब भी तेरी याद आती है ।।
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vivek singhal - April 5, 2021, 2:15 pm
तेरी खामोशियां आज भी
गीत गाती हैं
लबों पर मेरे
मुस्कान आती हैं
रात थम जाती है
उस वक़्त
जब भी तेरी याद आती है ।।
बेहतरीन है आपकी लेखनी की पकड़
बेहद रूमानी कविता
Pragya Shukla - April 7, 2021, 10:56 pm
धन्यवाद
Geeta kumari - April 5, 2021, 8:52 pm
तेरी खामोशियां आज भी
गीत गाती हैं
लबों पर मेरे
_______ बहुत खूब, कवि प्रज्ञा जी की, रूमानियत से भरी हुई सुंदर कविता
Pragya Shukla - April 7, 2021, 10:56 pm
धन्यवाद
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - April 6, 2021, 8:28 am
उत्तम
Pragya Shukla - April 7, 2021, 10:57 pm
धन्यवाद
Rj sid - April 6, 2021, 11:24 am
बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति है
Pragya Shukla - April 7, 2021, 10:57 pm
धन्यवाद
neelam singh - April 6, 2021, 11:31 am
अति सुंदर रचना
Pragya Shukla - April 7, 2021, 10:57 pm
धन्यवाद
jeet rastogi - April 6, 2021, 9:10 pm
बहुत सुंदर
Pragya Shukla - April 7, 2021, 10:57 pm
धन्यवाद
Ajay Shukla - April 9, 2021, 10:00 am
सुन्दर प्रस्तुति
Pragya Shukla - April 11, 2021, 5:13 pm
धन्यवाद