तेरी खामोशियां

तेरी खामोशियां आज भी
गीत गाती हैं
लबों पर मेरे
मुस्कान आती हैं
रात थम जाती है
उस वक़्त
जब भी तेरी याद आती है ।।

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Responses

  1. तेरी खामोशियां आज भी
    गीत गाती हैं
    लबों पर मेरे
    _______ बहुत खूब, कवि प्रज्ञा जी की, रूमानियत से भरी हुई सुंदर कविता

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