तेरे संघर्ष की लड़ाई

—————————-

यूँ थककर ना बैठ मुसाफ़िर
अभी तेरी मंज़िल नहीं आई
शायद–चलेगी कुछ देर और
तेरे संघर्ष की लड़ाई……….

थककर यूँ बैठ गए अगर—
राहे भी आसान ना होगी
ज़मानें की रुसवाईयाँ भी–
राहों की पहचान ना होगी

वक़्त का पहिया घूम रहा घर्र-घर्र
सच्चाई–अच्छाई से मेहनत सजकर
क़दम हो अगर बिश्वास भरा—
मंज़िल तुम्हें लेगी आग़ोश में हँसकर

तो,ज़िन्दग़ी भी हो खुश”रंजित””
तेरी मेहनत का ईनाम देगी–
तेरे संघर्ष की लड़ाई——–
तुझे पहचान–ज़मानें को पैगाम देगी..||

——- रंजित तिवारी “”मुन्ना””
पटेल चौक, कटिहार
(बिहार)
पिन०– 854105

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

लाल चौक बुला रहा हमें, तिरंगा फहराने को

सिहासन के बीमारों ,कविता की ललकार सुनो। छप्पन ऊंची सीना का उतर गया बुखार सुनो। कश्मीर में पीडीपी के संग गठजोड किये बैठे हैं। राष्ट्रवाद…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

अब तो संभलो

स्वार्थ के हर रंग मेें रंग गया है दिल…..देखो और मुस्कुराकर कह रहें हैं— ये दुनियाँ कितनी रंगीन है……!! “मतलब” के रस्से से अब बँध…

Responses

New Report

Close