दया धरम की राह छोड़ो मत

इस तरह बम पटाखे फोड़ो मत,
कान डरते हैं, कान फोड़ो मत।
निर्दयी से करो किनारा तुम
दया धरम की राह छोड़ो मत।
मिलो ऐसे मिलो, दूध में बतासे से
कच्चे धागों में खुद को जोड़ो मत।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Tum bin

तुम बिन मैं एक बूँद हूँ, तुम मिलो तो सागर बन जाऊँ… तुम बिन मैं एक धागा हूँ, तुम मिलो तो चादर बन जाऊँ… तुम…

Responses

  1. रौद्र रस से भरी हुई रचना, कवि सतीश जी की किसी पर क्रोध करती हुई रचना है… भावों की अभिव्यक्ति को सुचारू रूप से प्रस्तुत किया गया है..

+

New Report

Close