दहेज प्रथा एक अभिशाप
दहेज प्रथा एक अभिशाप
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बूढ़ा बाप अपनी पगड़ी तक निकालकर
दे देता है और
माँ अपने कलेजे का टुकड़ा
पर फिर भी नहीं भरता
लोभियों का मन
जाने क्या लेना चाहे वो ?
समझते क्यों नहीं इस बात को वह
दुल्हन ही दहेज है
कब समझेंगे
जो तड़पाते हैं गैरों की लड़की को
वह एक दिन अपनी लड़की भी
दूजे घर भेजेगें
दहेद प्रथा है समाज का अभिशाप
यह लोभी लोग कब समझ पाएगे
हिसाब होगा अच्छे-बुरे कर्मों का वहां
जब दुनिया छोंड़कर
पैसे के लोभी जाएगे…
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Rishi Kumar - December 1, 2020, 8:38 am
सत्य वचन
Pragya Shukla - December 1, 2020, 1:37 pm
Thanks a lot
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 1:33 pm
अतिसुंदर भाव
Pragya Shukla - December 1, 2020, 1:37 pm
Thanks
Geeta kumari - December 1, 2020, 1:41 pm
सुन्दर भाव