दामन छोंड़कर चल दिये
इल्जाम पर इल्जाम
लगाता ही रहा वो
हम चुपचाप सहते रहे,
जब हद हो गई सहने की तो
हमने कुछ ना कहा बस
दामन छोंड़कर चल दिये….
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 1, 2020, 1:37 pm
सुंदर
Pragya Shukla - December 1, 2020, 1:39 pm
धन्यवाद