Categories: शेर-ओ-शायरी
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आओ कुछ बेहतर करते हैं..
‘आओ कुछ बेहतर करते हैं.. कुछ बाहर जग की परिधि में, कुछ अपने भीतर करते हैं.. आओ कुछ बेहतर करते हैं.. आओ कुछ बेहतर करते…
फ़ागुन में एक गीत सुनाऊँ
फ़ागुन में एक गीत सुनाऊँ, आओ तुम्हे मन-मीत सुनाऊँ। दिल में है जो प्रीत सुनाऊँ साँझ हो चली दीप जलाऊँ। चादर ओढ़े लालिमा की, साँझ…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
बुढ़ापे की लाचारी
आज कयी बच्चों के एक पिता को दवा के अभाव में तङपते देखा है ना उसके भूख की चिन्ता न परवाह उसकी बीमारी की गज़ब…
मैं खुद से भी ज़्यादा बेहतर..
‘सबसे पहले मैं दुनियाँ में इस रिश्ते को पहचानती हूँ.. मैं खुद से भी ज़्यादा बेहतर, अपने पापा को जानती हूँ.. वो कहते हैं कि…
Nice
शुक्रिया
वाह
धन्यवाद
Good
Thanks a lot
Ok