दिलो के गम छुपाये नहीं छुपते
कभी अश्कों में, कभी लफ़्जों में
निकल आते है वक्त बे वक्त
और छोड़ जाते है निशानी
खारी खारी सी, काली नीली सी
दिलो के गम छुपाये नहीं छुपते
कभी अश्कों में, कभी लफ़्जों में
निकल आते है वक्त बे वक्त
और छोड़ जाते है निशानी
खारी खारी सी, काली नीली सी