Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
ग़ज़ल
ये मदहोश शाम और तन्हाई का आलम अपनों के बारे में न सोचते तो क्या सोचते करीब-ए-मर्क़ है फिर भी अकेले इसलिये खबरी के…
कोरोना वायरस काल २०२०
कोरोना वायरस काल २०२० —– — —— – ———— कोरोनावायरस दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा था बात अप्रैल माह की कर रहा…
वाह 👌
शुक्रिया जी
बहुत खूब
शुक्रिया मोहन जी
वाह
शुक्रिया
nice
शुक्रिया
Wah👏👏👏👏
शुक्रिया
Osm
वाह, ” दिल को बढा करने का हुनर बस हमें आता है” कहकर दिमाग पर दिल की महत्ता स्थापित की है, दिल से जख्म सहलाने की मानवीय प्रवृति को एक लाइन से रेखांकित कर दिया, वाह वसुंधरा जी
आपने सत्य कहा है वसुंधरा जी
बहुत सुंदर, लाजवाब