दिल का सुन
दिल का हाल
काश तुम मेरे संग चलते।
काश तुम मेरे रंग में ढ़लते।।
काश तुम मेरे होंठों के मुस्कान बनते।
काश तुम मेरे प्यारे से मेहमान बनते।।
काश तुम मेरे सपनों के नाल बनते।
काश तुम मेरे दिल का हाल सुनते।।
काश तुम मेरे जज़्बात बनते।
काश तुम मेरे सरताज बनते।।
काश तुम मेरे सपनों का सौदागर बनते।
काश तुम मेरे शब्दों के अलंकार बनते।।
काश तुम मेरे अहर्निश के ढ़ाल बनते।
काश तुम मेरे दिल का हाल सुनते।।
काश तुम मेरे गले का हार बनते।
काश तुम मेरे तन मन को उजागर करते।।
काश तुम मेरे बुराई के कहर बनते।
काश तुम मेरे दिल के गहराई के भंवर बनते।।
काश तुम मेरे जीवन में भाल बनते।
काश तुम मेरे दिल का हाल सुनते।।
काश तुम मेरे दुआ अरदास बनते।
काश तुम मेरे जिस्म के सांस बनते।।
काश तुम मेरे नवीन ख्वाब बनते।
काश तुम मेरे हकिकत के नबाब बनते।।
काश तुम मेरे अकेलेपन का शूल बनते।
काश तुम मेरे दिल का हाल सुनते।।
महेश गुप्ता जौनपुरी
गनापुर मड़ियाहूं जौनपुर उत्तर प्रदेश
Nice
👌
त्रुटियाँ हैं पर भाव अच्छे हैं
कार का प्रयोग करके कविता में जान आ गई है