दुनिया हमारे दम से है …..!( गीत )
दुनिया हमारे दम से है …..!
बदले हज़ार बार ज़माना तो गम नहीं,
दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..!
क्यूँ फ़िक्र है तुम्हे मेरे यारों बेकार की,
मंजिल मिलेगी आ के खुद, जो मंजिल का गम नहीं,
दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..!
दुनिया की न परवाह, तो दुनिया बेजार है,
आ कर मनाएगी तुम्हें, तुम मानो या नहीं,
दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..!
चाहे सताए लाख ज़माना हमें तो क्या,
खुशियाँ हमारे पास हैं, कहीं और तो नहीं,
दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..!
बदले हज़ार बार ज़माना तो गम नहीं,
दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..!
” विश्व नन्द “
kya baat he sir…laazbaab. Sunkar bahut acha laga
Bahut sundar sir ji …
वाह बहुत सुंदर रचना
Good