दैव पर विश्वास रखना
मन कभी छोटा न करना
दैव पर विश्वास रखना,
गर कभी मुश्किल समय हो
टूटना मत धैर्य रखना।
जिन्दगी में मुश्किलें
लाखों मिलेंगी आपको,
मुश्किलों में, ठोस बनकर
झेल लेना धैर्य रखना।
गर कभी आंखों के आगे
छा रहा हो घुप्प अंधेरा,
बैठ लेना, शान्त चित्त हो
दैव को तुम याद करना।
मन व्यथित होने न पाये
काम हिम्मत से चलाना
एक दिन कृपालु ईश्वर
चैन देंगे याद रखना।
मन कभी छोटा न करना
दैव पर विश्वास रखना,
गर कभी मुश्किल समय हो
टूटना मत धैर्य रखना।
यह कविता हौसले को बढ़ाती हुई प्रतीत हो रही है..
आपको भी धैर्य की और साहस की आवश्यकता है और आपके मुह से यह सुनकर सुकून मिला मुझे..
मुश्किलों के आगे जो घुटने टेक देते हैं
वो मानुष अपनी शक्सियत को मार देते हैं
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी, सादर आभार
मुश्किल वक्त में भी प्रभु पर विश्वाश बनाए रखने को प्रेरित करती हुई बहुत ही सुन्दर रचना । विश्वास इंसान की वो अनुभूति है,जिसे सिर्फ वही महसूस कर सकता है, विश्वास एक ख़ुशबू की तरह होता है।
बहुत ही प्रेरक प्रस्तुति
इस सुन्दर टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद गीता जी
सुंदर