धनुष उठा श्री राम का
धनुष उठा श्री राम का,
रावण की अब खैर नहीं
चलो आज विजय की बात करें,
हो कहीं किसी से,बैर नहीं
त्रेता युग में रावण ने,
श्री राम को ललकारा था
सीता माता का हरण किया,
अतएव राम ने मारा था
आज के युग में देखो,
रावण ही रावण आए हैं
तू राम बन, संघार कर
संकट के बादल छाए हैं
अपने भीतर का राम जगा,
भारत में फैला तिमिर भगा
नारी पर हुए जुल्मों का,
हे युवा, तू ही इंसाफ़ दिला
अशोक-वाटिका में भी सीता,
रही सुरक्षित उस युग में..
कभी,अपने ही घर
कभी आते-जाते
कोई सीता नहीं सुरक्षित
बड़ी असुरक्षित, कलियुग में
बलात्कार,कहीं भ्रूण हत्या
कहीं एसिड अटैक की खबर सुनी,
भारत की नारी, कब तक झेलेगी
कोई तो आए, राम सा गुणी
ये सब सम्भव कैसे होगा
कुछ विचार मन में आए,
साझा करती हूं, समाज से
एक प्रण लिया जाए..
जो उंच-नीच और संस्कार के,
अब तक पाठ पढ़ाए पुत्री को
वहीं पाठ और संस्कार ,
अब पुत्रों को भी दिए जाएं..
*****✍️गीता
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Satish Pandey - October 24, 2020, 1:24 pm
कवि गीता जी की बहुत सुंदर व बेजोड़ कृति। कथ्य व शिल्प दोनों ही दृष्टियों से उम्दा रचना है। रावण बुराइयों का प्रतीक है। उसे समाप्त करने का सुन्दर संदेश दिया गया है।
Geeta kumari - October 24, 2020, 4:15 pm
कविता की सुंदर समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी।
रावण की बुराइयों का समूल नाश हम माता-पिता ही ,हर पुत्र को संस्कार का उचित ज्ञान देकर ही कर सकते हैं ।यही मेरी कविता का इस समाज को संदेश है ।
Piyush Joshi - October 24, 2020, 1:25 pm
वाह बहुत खूब, अतिसुन्दर रचना
Geeta kumari - October 24, 2020, 4:19 pm
बहुत बहुत धन्यवाद पीयूष जी
Anu Singla - October 24, 2020, 1:44 pm
बहुत खूब लिखा है आपने
Geeta kumari - October 24, 2020, 4:20 pm
बहुत बहुत धन्यवाद अनु जी
Chandra Pandey - October 24, 2020, 1:53 pm
बहुत खूब
Geeta kumari - October 24, 2020, 4:20 pm
बहुत बहुत धन्यवाद चंद्रा जी
Pragya Shukla - October 24, 2020, 4:54 pm
बहुत खूब
Geeta kumari - October 24, 2020, 6:40 pm
धन्यवाद प्रज्ञा
Rishi Kumar - October 24, 2020, 5:57 pm
बहुत अच्छा है
Geeta kumari - October 24, 2020, 6:39 pm
धन्यवाद ऋषि जी
MS Lohaghat - October 24, 2020, 6:08 pm
गीता मैम आपकी यह रच उच्चस्तरीय है। कविता बहुत ही बढ़िया और शानदार है। आपकी कविता में वास्तविकता है। जय हो
Geeta kumari - October 24, 2020, 6:39 pm
कविता की समीक्षा के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏
बहुत बहुत आभार
Piyush Joshi - October 25, 2020, 6:32 pm
उच्च स्तरीय कविता, सुन्दर भाव, बहुत बढ़िया लिखा है आपने
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:38 pm
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पीयूष जी
Geeta kumari - October 25, 2020, 7:17 pm
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पीयूष जी ।कविता के माध्यम से मेरा सन्देश यही है कि पुत्रों में बचपन से ही श्री राम के गुणों को विकसित किया जाए, ऐसे संस्कार दिए जाएं कि कहीं कोई रावण की बुराइयां पनपे ही नहीं ।फिर हमारा ये भारतीय समाज सुरक्षित और रहने लायक हो जाएगा।
Vidushi Tomar - October 26, 2020, 9:06 am
Top notch!
how thoughtful of you!❤
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:42 pm
Thank you
Vidushi Tomar - October 26, 2020, 9:08 am
stupendous!
keep up the good work!
Geeta kumari - October 26, 2020, 10:11 am
Thank you so much vidushi . Thanks for your precious compliment.
AGAM TOMAR - October 26, 2020, 12:09 pm
बहुत ही सुंदर कविता। अंत की पंक्तियों में लड़कों के संस्कार के वर्णन में आपकी भावनाएं अतुलनीय है। आने वाली पीढ़ी को रावण की बुराइयों को समाप्त करने का संदेश सराहनीय है।
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:32 pm
बहुत बहुत धन्यवाद अगम
Aakash Malik - October 26, 2020, 12:09 pm
बहुत ही शानदार रचना है गीता जी “भारत की नारी, कब तक झेलेगी
कोई तो आए, राम सा गुणी ”
वाह, राम सा गुणी आने का समाधान भी दिया है कि हम अपने पुत्रों को बचपन से ही श्री राम जी के गुण और संस्कार दे के बड़ा करे तो भावी पीढ़ी में राम की मर्यादा ही होगी रावण की बुराइयां नहीं
बहुत सुंदर समाधान देती हुई अति उत्तम प्रस्तुति, वाह
“
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:33 pm
बहुत बहुत धन्यवाद आकाश जी
Seema Chaudhary - October 26, 2020, 12:44 pm
अति उत्तम रचना है गीता, अंतिम पंक्तियों ने तो दिल को छू ही लिया,
जो आपने समाज से विचार साझा करने की बात कही है अति श्रेष्ठ और उच्च कोटि के विचार हैं । पुत्रों को संस्कार देने से ही आजकल की ज्वलंत समस्याओं का समाधान होगा, very good 👏 keep it up.
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:33 pm
Thank you seema
Shafali Singh - October 26, 2020, 12:50 pm
Bahut hi sunder kavita
Di mai aapki saari kavitaye padati hu 👏👏👏👏👏
Geeta kumari - October 26, 2020, 5:52 pm
Thank you very much shefali
Deepa Sharma - October 26, 2020, 1:00 pm
रावण की बुराइयों का समूल विनाश करने का उत्तम सुझाव देती हुई बहुत सुंदर कविता है।बहुत उच्च कोटि का साहित्य ,समाज में प्रस्तुत किया है गीता जी ,इसके लिए आपको धन्यवाद । रावण जैसी सोच पनपने ही ना पाएगी अगर पुत्रों को उचित संस्कार दिए जाएंगे, अति सुंदर विचार ,बहुत शानदार प्रस्तुति
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:38 pm
धन्यवाद दीपा जी
Devika Tomar - October 26, 2020, 2:00 pm
अति उत्तम भाव हैं गीता जी , दशहरा के पावन पर्व पर आपकी कविता में बहुत सुंदर संदेश और बहुत ही बढ़िया सुझाव ।सभी माता पिता अपने अपने पुत्रों को भी रामचंद्र जी जैसे संस्कार देंगे तो हमारे भारत देश में प्रत्येक स्त्री सुरक्षित होगी और राम राज्य स्थापित होगा ।
बहुत ही श्रेष्ठ रचना और आपके श्रेष्ठ विचार ,वाह
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:35 pm
धन्यवाद देविका जी
Arvind Kumar - October 26, 2020, 3:21 pm
भावी पीढ़ी को राम सम बनाने की बहुत सुन्दर योजना और अति उत्तम सुझाव हैं गीता जी के , उच्च विचारों से परिपूर्ण अति सुन्दर कविता ।
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:34 pm
धन्यवाद अरविंद जी
Isha Chaudhary - October 26, 2020, 6:01 pm
बहुत सुंदर कविता है गीता जी आपने रावण की बुराइयों के अंत का जो सुझाव दिया है वह काबिले तारीफ़ है ।माता पिता पुत्रों को बचपन में ही राम चन्द्र जी के संस्कार दें तो यह समाज स्वयं ही राम मय हो जाए ।बहुत श्रेष्ठ रचना ।
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:34 pm
धन्यवाद ईशा
PK Singh - October 26, 2020, 6:05 pm
अति सुंदर भाव और बहुत शानदार सुझाव
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:40 pm
Thank you pariksha.
Devi Kamla - October 26, 2020, 7:29 pm
बहुत खूब
Geeta kumari - October 26, 2020, 7:32 pm
बहुत बहुत धन्यवाद आपका कमला जी🙏
SS Tomar - October 27, 2020, 8:23 am
राम और रावण के गुण और अवगुणो से परिचय कराती हुई बहुत ही सुन्दर और रचना, आज कल के माहौल में ऐसे साहित्य की बहुत आवश्यकता है. शानदार सुझाव और बेहतरीन प्रस्तुतिकरण.
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:40 pm
Thank you very much.
Mamta Sharma - October 27, 2020, 9:16 am
बहुत सुंदर और शानदार कविता ।इस युग के रावण का संहार करने का के लिए इस युग के ही राम को तो आना ही होगा । उच्च स्तरीय लेखन
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:35 pm
Thank you mamta
Reena Garg - October 27, 2020, 10:19 am
बहुत ही शानदार कविता है गीता मैम । बहुत सुंदर साहित्य
Geeta kumari - October 28, 2020, 10:25 am
Thank you reena
Subhash Chaudhary - October 27, 2020, 2:42 pm
बेहतरीन रचना, आजकल के माहौल का सटीक चित्रण और सुन्दर सुझाव देती हुई शानदार प्रस्तुति .
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:41 pm
Thanks Allot sir.
Ramesh Joshi - October 27, 2020, 5:49 pm
गीता जी आपने जो यह कविता लिखी है यह बहुत सुंदर और उच्चस्तरीय कविता है। बहुत ही जबरदस्त
Geeta kumari - October 27, 2020, 6:05 pm
बहुत बहुत धन्यवाद जोशी जी 🙏
Ramu Joshi - October 27, 2020, 5:52 pm
जैसा चित्र है ठीक वैसी ही कविता है, बहुत ही बढ़िया कविता है, अति ही बेहतरीन कविता
Geeta kumari - October 27, 2020, 6:07 pm
समीक्षा के लिए सादर आभार जोशी जी🙏
Vishakha Dhaka - October 28, 2020, 12:08 am
बहुत अच्छी कविता है कविता में लड़कों के संस्कार के बारे में जो लिखा हुआ है वह समाज में जागरूकता लाने के लिए बहुत जरूरी है अपनी कविताओं से समाज को ऐसे ही प्रेरित करते रहें
Geeta kumari - October 28, 2020, 10:24 am
Thank you vishakha
Vikrant dhaka - October 28, 2020, 8:29 am
Very nice poem
Geeta kumari - October 28, 2020, 10:24 am
Thanks Bhai
Poonam Deshwal - October 28, 2020, 4:40 pm
बहुत ही सुन्दर कविता है गीता जी. बहुत ही उच्च कोटि का साहित्य. और सुन्दर विचार
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:30 pm
Thanks poonam
Devendra Tomar - October 28, 2020, 5:03 pm
लाजवाब कविता ,बहुत बढिया जबरदस्त. आज कल के माहौल और त्रेतायुग की बहुत अच्छी तुलना, बहुत ही शानदार रचना.बहुत ही सुन्दर सोच.
Geeta kumari - October 28, 2020, 5:30 pm
Thank you devendra ji