धरा की पुकार
समय बदल गया , बदल गया दुनिया का दस्तूर। आज धरा मां पुकार रही होकर के मजबूर ।कभी सेहेती थी वाहन देती थी सारे सुख भरपूर । आज धरा मां पुकार रही हो कर के मजबूर । हे पृथ्वी पुत्रो ! जाग जाओ छोड़ो आलस और गुरुर , कभी वह आपने पुत्रो को लेकर के गोद में करती थी सुख भरपूर आज धरा मां पुकार रही हो कर के मजबूर
सुंदर अभिव्यक्ति
Thank you di
bahut accha lge raho🤗🤗
Thank you bahin
सुन्दर अभिव्यक्ति
Thank you sir
Nice
Thank you bhai
बहुत खूब
Thank you di
सुंदर
Thank you sir ji
Thank you bhai