Categories: शेर-ओ-शायरी
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गलतफहमियों के बीज
गलतफहमियों के बीज अविश्वास से पनपते हैं अधसुनी बातों को लोग पूरा सच समझते हैं बड़े तो हो चले हैं हम अपनी नजरों में प्रज्ञा…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
कुछ लोग………..
बहुत शराफत से पेश आये कुछ लोग हमारे जनाजे पर आये कुछ लोग आखरी रस्म की कदर करी उन सब ने हमें कांधा देने आये…
बस कीजिए
शराफत को बस यहीं बस कीजिए । मीठा धुआँ है और एक कश लीजिए । ये तो उस बेवफा से बेहतर होती है । दिल…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
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