Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
मनुज अब सुमिरन करता है
श्रीराम हरो पीड़ा मनुज अब सुमिरन करता है। जहां तहाँ फैली महामारी, दुखी हुई प्रजा यह सारी, दूर करो रजनी अंधियारी, सुमिरन करता है, मनुज…
बेकारी (कुंडलिया छन्द)
बेकारी पर आप कुछ, नया करो सरकार, युवाजनों को आज है, राहत की दरकार। राहत की दरकार, उन्हें, वे चिंता में हैं, पायेंगे या नहीं…
निराशा दूर करो (कुंडलिया छन्द)
अगर निराशा है कहीं, दूर करो तत्काल, मन में अपने जोश को, सदा रखो संभाल। सदा रखो संभाल, जोश में जोश न खोना, आप हमेशा…
हलधर धरने पर
हलधर धरने पर रहा, आस लगाये बैठ। मानेगी सरकार कब, सोच रहा है बैठ। सोच रहा है बैठ, मांग पूरी होगी कब। अकड़ ठंड से…
Very very nice
“निन्दारत रहना नहीं, निंदा जहर समान,निन्दारत इंसान का, कौन करे सम्मान।”
निंदा ना करने की सीख देती हुई कवि सतीश जी की बेहद सुन्दर कुंडलिया छन्द में बहुत ही सुन्दर और प्रेरक रचना ।
“अपने में रह मगन, न कर दूजे की बातें।” बहुत ही प्रेरक पंक्तियां
अतिसुंदर भाव