नूतन-वर्ष मनाना है
सागर की लहरों में जैसे खो जाएगा,
2020 भी अलविदा हो जाएगा
फ़िर नूतन-वर्ष मनाएंगे
(2021) नूतन-वर्ष मनाने से पहले
(2020) बीते वर्ष पर ग़ौर फरमाना है
फ़िर नूतन-वर्ष मनाना है
पिछला वर्ष कोरोना लाया था,
लॉकडाउन लगवाया था
तीन महीने की खातिर,
घर में सब को बंद करवाया था
लेकिन फिर भी कुछ महा-योद्धा,
पुलिस, चिकित्सक और रिपोर्टर
घर नहीं बैठे थे अपने,
पूरे करने को कुछ सपने
उन लोगों ने किए बहुत काम,
उन सब को मेरा प्रणाम
आज उन्हीं के सम्मान में,
गीत नया एक गाना है
फ़िर नूतन वर्ष मनाना है
बीते वर्ष ने सागर सा सबक सिखाया है
वह सबक अगली पीढ़ी तक ले जाना है
फ़िर नूतन वर्ष मनाना है
टीका इसका जब आएगा तब आएगा
लेकिन उससे पहले हमको,
कोई ढील नहीं दिखाना है
दो गज़ की दूरी ज़रूरी
और नक़ाब भी लगाना है
फ़िर नूतन वर्ष मनाना है
वर्ष के अंतिम दिन की चकाचौंध में,
भूल ना जाना सागर जैसी
उस विशाल बीमारी को
जिस कोरोना के कारण,
सारा संसार संकट में आया
शांत लहर सा सब्र बना के
इस कोरोना को भगाना है
फ़िर नूतन वर्ष मनाना है
____✍️गीता
नक़ाब——-मास्क
अतिसुंदर भाव अतिसुंदर रचना
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी, नव वर्ष की शुभ हो🙏
बहुत सुंदर और सटीक कल्पना
बहुत-बहुत धन्यवाद तो प्रज्ञा जी नव वर्ष शुभ हो
सागर की लहरों में जैसे खो जाएगा,
2020 भी अलविदा हो जाएगा
फ़िर नूतन-वर्ष मनाएंगे
(2021) नूतन-वर्ष मनाने से पहले
(2020) बीते वर्ष पर ग़ौर फरमाना है
फ़िर नूतन-वर्ष मनाना है”
—— वाह क्या बात है। मैं तो पहले पढ़ ही नहीं पाया। इतनी जबरदस्त और शानदार रचना। यह को प्रतियोगिता की श्रेणी में अति उत्तम प्रतीत होती है। बहुत ही सुन्दर। शानदार लेखनी। शिल्प और भाव दोनों दृष्टियों से अति उत्तम।
बहुत-बहुत धन्यवाद