*नेकी*
नेकी कर दरिया में डाल,
यह कहावत बड़ी कमाल।
आओ सुनाऊं एक कहानी,
नेकी करने की उसने ठानी।
उस ने नेकी कर दरिया में डाली,
वह नेकी एक मछली ने खा ली।
नेकी खाकर मछली हो गई,
खुशियों से ओत प्रोत।
नेकी कर और बन जा,
किसी की खुशियों का स्रोत।।
_____✍️गीता
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Rakesh Saxena - March 3, 2021, 12:36 am
बहुत खूब
Geeta kumari - March 3, 2021, 10:00 am
बहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - March 4, 2021, 12:51 am
वाह वाह बहुत खूब
Geeta kumari - March 4, 2021, 8:59 pm
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
Pragya Shukla - March 6, 2021, 12:06 am
Khubsurat Kalpana Khoobsurat abhivyakti
Geeta kumari - March 6, 2021, 8:35 am
समीक्षा के लिए धन्यवाद प्रज्ञा