नैना पथरीले ना बरस गए

बरसे बरसों गुजर गए

ना बरसे नैना तरस गए

अबके बरस जो बरस गए

नैना पथरीले ना बरस गए

                 …… यूई

Related Articles

तरस आता है

कविता- तरस आता है —————————————— हे गरीबी तुझ पर – तरस आता है, क्या बिगाड़ तू पाई इंसान का| चाहे तू और बर्बाद कर दे,…

Kawwali…….

वो कहने लगे रुख से पर्दा हम हटा नहीं सकते हम ने कहा तुम्हारे हुस्न को देखे बिना हम जा नहीं सकते वो कहने लगे…

O syamre

ओ श्याम रे….. कहा छुपे हो मोरे श्यामरे, तुझे ढूंढे मोरे नैना, तेरे बिन मुझे ना एक पल चैना, छोड़ सखी तुझसे मिलने आई, करके…

Responses

+

New Report

Close