नज़दीकियाँ
क्या मापदंड हैं
नज़दीकियों के
कितनी नगण्य है
दो लोगों के बीच स्थित भौगोलिक दूरी
जिनके दिल धड़कते हैं एक ही लय में..!!
और कितना अर्थहीन है
उन दो लोगों के बीच का सामीप्य
जिनके दिलों के बीच
कभी न पटने वाली खाई है..!!
मैं कितनी दूर हूँ तुमसे
तुम कितने नज़दीक हो मेरे?
मुझे ख़ुद से
कितना दूर कर गया है तुम्हारा सामीप्य..!!
मैंने समय के हाथों में सौंप दिया है
इन प्रश्नों को परिभाषित करने का दायित्व
और अब मैं उन्मुक्त हूँ
उसे जीने के लिए जो घट रहा है हमारे बीच..!!
©अनु उर्मिल ‘अनुवाद’
(24/05/2021)
सुंदर एवं सहज अभिव्यक्ति
नजदीकियों का बहुत ही गहराई से वर्णन किया है गया है।
——- बहुत ही सुंदर शब्द शैली
धन्यवाद सखि
अति सुंदर
बहुत खूब