जान निकल गई जिस्म से मगर,
मोहोब्बत का अरमान न मिटा,
रूठ गई मोहोब्बत मगर,
दिल का ईमान न मिटा,
टूट गया खुवाबगाह चाहत का,
और लूट गई हर चाहत मेरी,
मिट गई पूरी ज़िन्दगी मेरी मगर,
उसकी बेवफाई का गुमान न मिटा…………………..!!
जान निकल गई जिस्म से मगर,
मोहोब्बत का अरमान न मिटा,
रूठ गई मोहोब्बत मगर,
दिल का ईमान न मिटा,
टूट गया खुवाबगाह चाहत का,
और लूट गई हर चाहत मेरी,
मिट गई पूरी ज़िन्दगी मेरी मगर,
उसकी बेवफाई का गुमान न मिटा…………………..!!