Categories: मुक्तक
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
धोखेबाज दोस्त
कविता- धोखेबाज दोस्त ——————————– हजार झूठे स्वार्थी दोस्त से अच्छा, एक सच्चा परम मित्र हो, नाज किया समय पैसा बर्बाद किया, वही दोस्त आइना दिखा…
किवाड़ खा गई
===== सबूत भी गवाह भी किवाड़ खा गई, जालिम ये दीमक सारी, मक्कार खा गई। ===== हराम की थी रातें, छिपी सी मुलाकातें , किसने…
प्रमाण
अनुभव के अतिरिक्त कोई आधार नहीं , परमेश्वर का पथ कोई व्यापार नहीं। प्रभु में हीं जीवन कोई संज्ञान क्या लेगा? सागर में हीं मीन भला प्रमाण क्या देगा? खग …
सू
सुंदर
Yes 👍
Good
👌
त्रुटियाँ हैं पर भाव अच्छे हैं