पंथ

मेरे गुरुवार,मन का दिया जला दो
ठहर ठहर जाते मेरे पग,
मुझको पंथ दिखा दो,
मन का दिया जला दो

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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गुरुवार

सोई हुई चेतना को, आप गुरुवार जाग्रत करदो मन की इस मरुस्थल मैं, स्नेह की बरसात करदो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

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