पगली लड़की /10
( पगली लड़की / 10 )
दिल में मेरे ना जाने क्यो
कुछ सवाल गोते लगाते हैं
पगली लड़की को जब देखु
दिल मेरा धडकने लगता हैं
उसकी मासुमियत निगाहो को
मैं पढने की कोशिश करता हूँ
ना जाने ऐसी क्या बात हैं
वह मेरे ख्यालो में डुबी रहती हैं
मुझको खुश रखने के लिए
सौ व्रत तीज करती हैं
ना जाने कौन सी बात हैं उसमे
मेरे चेहरे को पढ लेती हैं
खामोशी के जंजीरो को तोड
खुशिया ही खुशिया भर देती हैं
जरा मैं परेशान होता हूँ
खुद ही माफी मांगने लगती हैं
मासुमियत भरी निगाहो में
एक दम पागली जैसी दिखती हैं
अपने सारे दुःख को छिपा
मुझको हँसाती फिरती हैं
महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864
Nice