पगली लड़की….!!
कितनी पागल हूँ मैं
ये आज सोंचती हूँ
तेरे चेहरे पर हर बार मरती हूँ..
सुनती हूँ तेरी आवाज तो
मयूर-सा नाच उठता है मन मेरा
तेरे करीब होने पर
सिहर उठता है तन मेरा..
तेरे दूर जाने के खयाल से भी
मेरा दम निकलता है
एक तुझ पर ही
ये मेरा दिल मचलता है..
रो पड़ती हूँ, तो कभी हँस पड़ती हूँ
लोग कहते हैं
मैं पगली लड़की हूँ !!
वाह, बहुत खूब
धन्यवाद सतीश जी आपका
बहुत सुन्दर
धन्यवाद
बहुत ख़ूब ,बहुत ही सुन्दर भावभिव्यकति
धन्यवाद दी सराहना के लिए
बहुत खूब
धन्यवाद