Categories: मैथिली कविता
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पौधा
पौधा लगाया मैंने , सोचा बृक्ष बन छाया देगा बृक्ष बन गया जब, गिरा दिया,मिटा दिया मुझे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
बृक्ष :पर्यावरण के मूल ३ =
शुद्ध रहे ये आबोहवा सदा जीवन के अनुकूल। बृक्ष लगाओ चारों ओर सड़क सरित के कूल।। हरे पौध बृक्षों से है धरती की हरियाली। वातावरण…
भोजपुरी देवी गीत- दे दा दरसनवा |
भोजपुरी देवी गीत- दे दा दरसनवा | हाथ जोड़ी माई के मनाई दिन रात हो | दे दा दरसनवा सिरवा रखा तनी हाथ हो |…
देशी पढ़ुआ
बिन बारिश मेंढक बोले चीटियों की चले जमात। ‘विनयचंद ” सब कहे सयाने निश्चित होवेगी बरसात ।।
रितुराज के आवन पे
रितुराज वसंत के आवन पे बसुधा ने कण कण सजा लिया है । शबनम की बारिश से धरणीधर और तृण तरुवर सब नहा लिया है।।…
Nyc
Good
भावार्थ???
👌👌
Samjh nhi aaya
🙏🙏🙏