Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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ऐसा हिंदुस्तान चाहिए
” ऐसा हिंदुस्तान चाहिए ” जिस मिट्टी में जन्म लिया बस उसका ही सम्मान चाहिए, बन जाए विश्व भी इसका ऋणी बस वैसी ही तो…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दौलत
कोई ज़मीं बेचता, कोई आसमां बेचता । दौलत के नशे में चूर, ये ज़हां बेचता । कब परवान चढ़ा, मोहब्बत मुफ्लिशी का, दौलत मोहब्बत का…
ब्रम्हास्त्र
एक मित्र ने यही मुझसे ब्रम्हास्त्र की फरमाइश की थी तो जी लीजिये जी पेश है खुद से जो पूछा कि क्या चाहिए दिल…
स्वछंद पंछी
मुक्त आकाश में उड़ते स्वछंद पंछी आह स्वाद आ गया कहकर, वाह क्या जिंदगी कोई मुंडेर, कोई दीवार, या कोई सरहद देश की सब अपने…
Waah
वाह