पिता वो दरख्ता है…
आज योग दिवस ही नहीं
पिता दिवस भी है तथा संगीत दिवस भी है।
पिता के लिये कुछ शब्द:-
🌷🌷🌷🌷🌷
पिता वो दरख्ता है जो
बचपन को छांव देता है।
आये कोई भी मुश्किल
हाँथ थाम लेता है।
उसका साया उठना
किसी हश्र से कम नहीं।
बाप का स्नेह
ममता से कम नहीं।
Nice
थैंक्स
🙏🙏
👏👏
अति सुन्दर रचना
पिता के लिए बेटी के मन में उपजे प्रेम को प्रकट करती हुई आपकी रचना बहुत ही सुंदर है भाव पक्ष बहुत ही संवेदनशील है तथा सिर्फ बहुत ही मजबूत है उम्दा रचना
Nice