पुरानी बड़गद (रहस्य रोमांच)
यह घटना बिहार जिले में स्थित समस्तीपुर की है। बैशाख का महीना था। गाँव के लोग गर्मी से व्याकुल थे। उसी गाँव के ३५ वर्ष के युवक महेश गर्मी से परेशान हो कर रात के बिछावन आंगन में बिछा कर सो गया। अगल बगल के लोग भी सोए हुए थे। अचानक महेश की आंखे रात के दो बजे खुल गयी। वह उठ कर चारो तरफ देखा। चांदनी रात पूरी अपनी जवानी पर थी। दूर दूर के पेंड़ पौधे साफ साफ दिखाई दे रहा था। चांदनी( 🌙) रात सुनसान की आगोश समायी हुई थी। महेश को धीरे धीरे नींद आने लगा। वह सिर झूकाए पुरिया में से तंबाकू निकाल कर हंथेलियों पे रगड़ने लगा। अचानक कोई शख्स 🌃 हाथ बढाया।उसको, तंबाकू मांगने का ईशारा था। महेश सोचा कि शायद गेना होगा। वह उसके तरफ नहीं देखते हुए अपनी चुटकी से तंबाकू उसके तरफ बढा दिया। वह शख्स ले लिया फिर, वहाँ से पुरानी बड़गद के तरफ चल पड़ा। जब वह दस कदम आगे बढा तब महेश उसके तरफ जैसे देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। वह देखने में दस फीट का रहा होगा। उसका लिवाश सफेद धोती व कमीज था। महेश के कंठ सुखने लगा। वह चाह कर भी चीख नहीं पाया। वह बेहोश हो कर गिर पड़ा। उसके गिरने की आवाज़ उसकी पत्नी के कानो में सुनाई पड़ी । वह चीखती हुयी महेश के तरफ दौड़ पड़ी। अगल बगल के लोग घबड़ा गए। सभी दौड़ कर महेश के दरवाजे पर पहुंचे ।महेश की पत्नी छाती पीट पीट कर रोने लगी। इतने में ही एक तंत्र मंत्र जानने वाला गाँव के ही एक व्यक्ति आ कर झाड़ फूंक शुरू किया। दो घंटे बाद महेश को होश आया। तब जा कर पुरी घटना विस्तार पूर्वक बताया। गाँव के बड़े बुजुर्ग रामटहल ने कहा –यह बात सही है कि, यह पुरानी बड़गद के पेड़ पड़ कली साया का बसेरा है।
समाप्त
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - May 28, 2020, 5:19 pm
अच्छा प्रयास
महेश गुप्ता जौनपुरी - May 28, 2020, 6:58 pm
वाह बहुत सुंदर
Pragya Shukla - May 28, 2020, 9:03 pm
Nice
Abhishek kumar - May 29, 2020, 9:16 am
👌👌
Satish Pandey - July 31, 2020, 1:08 pm
laajabaab, waah
Satish Pandey - July 31, 2020, 1:09 pm
sundar Laghukatha