Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कविता : इंसान ईश्वर के रहस्य को समझ पाया नहीं है
मौत के बाद क्या है किसी ने जाना नहीं है प्रकृति को क्यों किसी ने पहचाना नहीं है आखिर मृत्यु के रहस्य को ईश्वर ने…
देश भक्ति के ये नारे
पुलवामा हमले में शहीद वीरों को भावभीनी श्रद्धांजलि देश भक्ति के ये नारे हर रोज क्यों नहीं लगते। ऐ आग हरदम सबके दिलों में क्यों…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
जय हिंद, जय हिंद
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद जय भारत, जय भारत, जय भारत, जय भारत, जय हिंद, जय हिंद। हम सबको मिलकर इसकी उन्नति में जुट…
वाह