पेट के ख़ातिर

मैं मजदूरी करता हूँ
समझो पेट के ख़ातिर।
पर खून पसीने का मेरे
मोल कहाँ सेठ के खातिर।।

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Responses

  1. एक मजदूर की पीड़ा को व्यक्त किया है आपने अपनी रचना के द्वारा,
    बहुत सुंदर👏👏

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