पोछ ले अश्क सबके
दर्द जीवन में है जो
रख सरोकार उससे,
किसी को ठेस मत दे
कर ले प्यार सबसे।
पोछ ले अश्क सबके
कष्ट मत दे किसी को,
भाव समभाव के रख
कद्र दे दे सभी को।
खुद भी प्रसन्न रह ले
औऱ को भी खुशी दे,
उदासी में घिरे के
चेहरे में हँसी दे।
मस्त रह, दूसरे से
आस मत रख जरा भी,
खुद में खुद खोज खुशियां,
और को भी खुशी दे।
—— सतीश चन्द्र पाण्डेय
Very very nice poem
Thank you
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद
अतिसुंदर
बहुत बहुत आभार
जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण दर्शाती हुई कवि सतीश जी की बहुत सुंदर और प्रेरक रचना
सादर धन्यवाद
सादर धन्यवाद, आभार
बहुत ही सुन्दर
सादर धन्यवाद
अतीव सुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद