प्रकृति

घिरी हैं प्रकृति में,
आनंद की घटाएं ,
हृदयस्पर्शी हैं,
यहाँ की हवाएं,
जी करता है ,
इन्ही में समां जाएं

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यपूर्व की हवाएँ

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Tum chupe ho kaha

तुम छुपे हो कहां तुझे ढूंढूं मैं यहा….. बिना तेरे जीवन मेरा अधूरा यहां, तेरी यादों का दीपक मैं जलाऊं यहां , आ जाओ तो…

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