प्रपंच
जो बढ़ रहा है हाथ नापाक उसे तोड़ना होगा,
हाथ मिलाया था जो बेशक उसे छोड़ना होगा,
रच लिए बखूबी प्रपंच और चढ़ लिए ढेरों मंच,
अब उतर कर जंग में इनका सर फोड़ना होगा,
वार्तामाप नहीं अब और कोई भी आलाप नहीं,
ये मानलो इन हवाओं का भी रुख मोड़ना होगा।।
राही अंजाना
Khub kha
Thanks
बहुत खूब
धनयवाद
Wah
धन्यवाद
वाह
धन्यवाद
Wash
धन्यवद
वाह
धन्यवाद
Good