*प्रभु का उपहार*

प्रभु का उपहार,
है ये ज़िन्दगी
किसी का प्यार,
है ये ज़िन्दगी
कभी जीत तो कभी,
हार है ये ज़िन्दगी
किसी का इन्तजार,
है ये ज़िन्दगी
ना समझना कभी भी,
इसको किसी से कम प्रिय,
कम नहीं है चमत्कार से ये ज़िन्दगी

*****✍️गीता

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

हम दीन-दुःखी, निर्बल, असहाय, प्रभु! माया के अधीन है ।।

हम दीन-दुखी, निर्बल, असहाय, प्रभु माया के अधीन है । प्रभु तुम दीनदयाल, दीनानाथ, दुखभंजन आदि प्रभु तेरो नाम है । हम माया के दासी,…

Responses

  1. जिन्दगी जीने के लिए प्रोत्साहित करती गीता जी की पंक्तियां जो जीवन का मूल्य समझाती प्रतीत हो रही हैं

    1. हां प्रज्ञा बिल्कुल सही लिखा है आपने । इस सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद

  2. जिंदगी की खूबसूरती को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत करती कवि गीता जी की बहुत ही सुंदर कविता है यह।
    कभी जीत तो कभी,
    हार है ये ज़िन्दगी
    किसी का इन्तजार,
    है ये ज़िन्दगी
    वाह क्या बात है। कथ्य और शिल्प का बेहतरीन तालमेल।

    1. इस सुन्दर समीक्षा के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी
      प्रेरणादायक टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार🙏

+

New Report

Close