Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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गुरू
गुरू वन्दन गुरू वन्दन चरणों में करता हूं शीश झुका कर अभिनन्दन करता हूं मैं हूं बड़ा अभागा संसार में ज्ञान कि ज्योति जलाये रखना…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
योग दिवश पर विशेष
योग के अलौकिक गुणों के माध्यम से कोरोना को दें मात रोगी के शरीर को योग के माध्यम से धीरे धीरे रोग मुक्त कर दें…
आर्यन के जीवन की एक यादगार घटना *
*आर्यन सिंह ” शनि भैया ” के जीवन की एक खास घटना * जब वह अपने प्रिय वेदांताचार्य स्वामी आधार चैतन्य से मिले .* आर्यन…
Nice
बहुत सुंदर पंक्तियां
सुन्दर भाव
बहुत अच्छी
Great poem
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
भक्ति भाव से परिपूर्ण सुंदर रचना