Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
हम दीन-दुःखी, निर्बल, असहाय, प्रभु! माया के अधीन है ।।
हम दीन-दुखी, निर्बल, असहाय, प्रभु माया के अधीन है । प्रभु तुम दीनदयाल, दीनानाथ, दुखभंजन आदि प्रभु तेरो नाम है । हम माया के दासी,…
हसीनों की वादियों में
हसीनों की वादियों में बदसूरतों को भी रहने दीजिए, दर्द कितना है फ़िज़ाओं में ज़रा हमें भी सहने दीजिए ! जानते हैं वक़्त है आपका…
वक्त का वक्त क्या है पता कीजिए
गजल वक्त का वक्त क्या है पता कीजिए | बाखुदा हूं ‘ खुदा बाखुदा कीजिए | दर्दे – दिल आज मेरे मुखालिब रहे | सुखनवर…
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वाह
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