प्रेम – उपहार
एक था जिम और एक थी डैला,
दोनों लंदन में रहते थे।
कहानी ये बिल्कुल सच्ची है,
मेरे दादा कहते थे।
डैला थी बहुत ही सुन्दर,
बाल सुनहरी थे उसके
जिम भी बांका युवक था,
डैला भी मरती थी उसपे।
पति – पत्नी थे वो दोनो,
पैसों की थोड़ी तंगी थी।
डैला के सुनहरे बालों खातिर,
पास ना कोई कंघी थी।
डैला के उलझे बालों को,
देख के जिम सोचा करता था।
एक दिन सुंदर कंघी लाऊंगा,
वो अक्सर एक पैनी ,गुल्लक में डाला करता था।
जिम के पास एक सुनहरी घड़ी थी,
टूटी चेन थी उसकी, वो भी यूं ही पड़ी थी।
घड़ी देखता था छुप- छुप के,कब पहनूंगा सोचा करता था।
लेकिन डैला के बालों की, तारीफें करता रहता था।
डैला को मालूम थी, उसके मन की बात।
लेकिन पैसों की तंगी थी,
ना घड़ी की चेन थी, ना बालों की कंघी थी
क्रिसमस आने वाला था,
दोनों ने तोहफा देने की ठानी थी।
साजन – सजनी में प्यार बहुत था,
एक दूजे के मन की जानी थी।
बाल बेच चेन ले आई डैला,
घड़ी बेच जिम लाया कंघी।
प्यार बहुत था दोनों में बस,पैसे की ही थी तंगी
एक – दूजे का उपहार देख,
दोनों के भर आए नैन।
ना काम आएगी कंघी, ना काम आएगी चेन।
फिर, ख़ुशी – ख़ुशी मनाया क्रिसमस का त्यौहार,
सच्चा प्रेम ही था, उन दोनों का उपहार।।
बहुत खूब, अति सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
सुन्दर प्रस्तुति
शुक्रिया जी
wah
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
Nice
Thank you
very nice👌
Thank you
Bhot sundar
Thank you
वाह वाह
Thank you very much Piyush ji