पड़ चुकी है साँझ

पड़ चुकी है साँझ
घर घर में चमकते बल्ब ऐसे
लग रहे हैं, जैसे तारों ने किया
धरती में डेरा।
और चंदा आसमां में
आ चुका है, फुल चमक में,
चाँद-तारे और बल्बों का मिलन
फैला चमन में।
साथ देने आ गयी शीतल हवा
भी साथ में,
अद्भुत नजारा सज गया है,
इस अंधेरी रात में।

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Responses

  1. पर्वतों का बहुत सुंदर नज़ारा प्रस्तुत किया है ।”चांद तारों और बल्बों का मिलन फैला चमन में, साथ देने आ गई शीतल हवा भी साथ में ” यमक अलंकार का सुंदर प्रयोग । ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है पर्वतीय इलाकों में। सौंदर्य से परिपूर्ण अद्भुत वर्णन ।
    लेखनी की विलक्षण प्रतिभा को अभिवादन ।

    1. सादर प्रणाम है आपको जो इतनी खूबसूरत समीक्षा की है आपने। यह आपकी विद्वता को परिलक्षित करती है। सादर धन्यवाद गीता जी

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