Categories: शेर-ओ-शायरी
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तनहा-तनहा सा है, बिखरा-बिखरा सा
ये गुलाब थोड़ा तनहा-तनहा सा है ये गुलाब थोड़ा बिखरा-बिखरा सा है छूटा है ये शायद किसी के हाथों से ये गुलाब थोड़ा सहमा-सहमा…
माँ मेरी
तुम्हारे हाथ का हर एक छाला, चुभा जाता है इस दिल में एक भाला, हर एक रेखा जो तुम्हारी पेशानी पर है, एक दास्तां बयां…
हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन
संगीत सहित हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन काटो भव-बंधन मेरे हे भक्त-वत्सल हे रघुनंदन काटो भव-बंधन मेरे राम तुम्हीं हो भव-भय हरन वाले — 2 बार…
प्यार करके तो देखो
कभी दिल के करीब आकर तो देखो। प्यार का जज़्बात जगा कर तो देखो। लगने लगेगी सारी जिंदगानी हंसीन, किसी को ज़िंदगी में लाकर तो…
हँसीन नजारा
ये रंगे – बहारा, ये हँसीन नजारा। खुदा ने तुझको, फुर्सत से संवारा। ना मैंने सुना कुछ, ना तुने पुकारा, समझते हैं तेरी, नजरों का…
Khub
Thanks
वाह बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
Nice
Thanks
Wah
धन्यवाद
Wah
धन्यवाद