Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नूतन-वर्ष मनाना है
सागर की लहरों में जैसे खो जाएगा, 2020 भी अलविदा हो जाएगा फ़िर नूतन-वर्ष मनाएंगे (2021) नूतन-वर्ष मनाने से पहले (2020) बीते वर्ष पर ग़ौर…
नव वर्ष से पहले
ज़रा सा मुस्कुरा देना नव वर्ष से पहले हर पीर भुला देना नव वर्ष से पहले ज़रा सा प्यार दे देना नव वर्ष से पहले…
पैसा बोलता है
( पैसा बोलता हैं.. ) जेब ढीली बाजार में ऑख टके सामान को जी मचले बीच बाजार में बेवस लाचार सम्भाले पैसे हाथ पाव किये…
यादें
बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…
Very nice
Thanks ji
✍✍👌👌
Thank you ji
वाह वाह
धन्यवाद जी