Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है _______**********************__________ कुछ अजीब सा माहौल हो चला है, मेरा “वाड्रफनगर” अब बदल चला है…. ढूंढता हूँ उन परिंदों को,जो बैठते थे कभी घरों के…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
माँ तेरी बहुत याद आती है
जब भी कोई उम्मीद कभी, मेरे सर पर हाथ फिराती है .. माँ तेरी बहुत याद आती है.. माँ तेरी बहुत याद आती है.. कोई…
महफ़िल-ए-चाय
मैं मान लेती हूँ, की तुम्हे मेरी याद नहीं आती , पर वो महफ़िल-ए-चाय तो याद आती होगी ! वो शाम की रवानगी , वो…
बहुत खूब
वाह
बेहद खूबसूरत पंक्तियां
आपकी लेखनी काबिले-तारीफ है