फिर लगाने आग आये
बात ठंडी हो चुकी थी
फिर लगाने आग आये
सोचते हैं जो कहें हम
सब करें स्वीकार उसको।
दूसरों पर फेंक कीचड़
मत बनो यूँ पाक-साफ़
खुद की गलती देख लो
पहले करो स्वीकार उसको।
बात ठंडी हो चुकी थी
फिर लगाने आग आये
सोचते हैं जो कहें हम
सब करें स्वीकार उसको।
दूसरों पर फेंक कीचड़
मत बनो यूँ पाक-साफ़
खुद की गलती देख लो
पहले करो स्वीकार उसको।
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अतिसुंदर
Bahut Sundar aur Sach likha hai aapne
Nice
Wah