बचपन
नन्हा ,सलोना सा, प्यारा सा बचपन ।
मासूम भोला नटखट सा बचपन। वह चंदा का तारों का सूरज का मेला ।
वह जादुई परियों में नन्हाअकेला।
वह दादी के किस्से ,वह नानी की कहानी ।
वह भाई बहनों की मीठी छेड़खानी।
वह बारिश के आने पर झूम जाना
वह खूब नहाना और कश्ती तैराना।
वह मिट्टी के तेल से चलता स्ट्रीमर,
वह बुढ़िया की मीठे बालों के गोले ,वह मिट्टी के बर्तन बड़े ही अनोखे ,
वह मेला, वह रेला ,वह झूले झूलना ।
वह गुड़िया की शादी की दावत देना ।
दोस्तों का शाम को इंतजार करना।
वह गिट्ट लंगड़ी टांग गेंद ताड़ी। वह खट्टी मीठी चूरन चटनी।
वह स्कूल के कैंटीन की आलू की टिक्की।
वह गर्म, तिकोने, करारे पराठे ,
वह मम्मी के हाथों के अचारो का स्वाद,
वो गोलगप्पे खाना और आंसू टपका ।
वह आपस में लड़ना झगड़ना उलझना।
झूठी सच्ची शिकायतें लगाना। मम्मी पापा का फिर लाड पाना, वह मुडगेलियो पर दौड़ लगाना, वह कमरे की छत से नीचे कूद जाना ।वह पापा की पतंग को छत पर साधना ।वह गैस के गुब्बारे हवा में उड़ाना।
वह तोते से मिट्ठू बेटा का गाना वह शोर मचा कर जोर से गाना रॉक भंगड़ा कत्थक मिलाना बहाने से कत्थक के थप्पड़ बजाना।
वह पंछी की तरह हर समय चहचहाना ।
वह हंसी के फव्वारे के दौरे पड़ना।
वह एक जैसे कपड़े पहनना
वह चाचा साबू की कॉमिक्स पढ़ना ।
वह पापा के डर से छिप- छिप के पढ़ना
वो गिरना संभलना बस अगले मिनट में
वह प्याज दबाकर बुखार बनाना वह मम्मी से फिर अपनी सेवा करवाना। वह स्कूल की छुट्टी की दुआ मनाना।
मां के स्पर्श से ही आराम आना।
स्कूल से आकर खेलने भाग जाना।
वो खेल में चौके छक्के लगाना।
वह कछुए वह मछली वह चूहों का खेल।
वह तोते खरगोशों कबूतर का खेल
कहां खो गया इतना प्यारा सा बचपन ।
मुझे फिर से लौटा दो मेरा वह बचपन !
निमिषा सिंघल
Bahut hi pyari kavita
Thank you so much
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी याद आ गई