बचपन
बचपन
खिलखिलाते चेहरो पर
उषा की मुस्कान लिए
रवि की तरंग किरणो से
अधरो से किलकारी भरे।
कूदक – फूदक कर
सपनो में रंग भरे
तोड – फोड समानो को
बचपन को बिखेर चले।
पल में हॅसना पल में रोना
जीवन को सॅवार चले
जीवन की नैया को
शरारत में पाल चले ।
खुली किताब बचपन की
लोगो को पढा दिए
बचपन की यादो में खो कर
आओ लौट चले लडकपन मे।
महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864
🙂
😊
सुहाना बचपन
🤩
Nice