बयार से बातें
ए ठंडी बयार सुनो न
कभी मुझसे भी मिल जाया
करो
घड़ी दो घड़ी मुझसे बात करने आया करो
अकेला है दिल मेरा
कभी इसको ही बहला जाया करो
दर्द से तड़पता है ये
कभी अपने एहसास से सहला जाया करो
नही लगता दिल ये मेरा
कभी तो दिल्लगी कर जाया करो
सुन्दर रचना
बहुत खूब
बहुत सुंदर रचना, लाजवाब अभिव्यक्ति
Beautiful
बहुत सुंदर
Thanku to all of u