बसंत बहार

बरसेगी धरती पे कब सावन के फुहार।
बता ए घटा कब आएगी बसंत बहार।।
मोर पपीहा भी मिलन के गीत गुनगुनाने लगे।
मन के बगिया मे सैंकड़ों फूल खिलने लगे।।

Related Articles

Responses

    1. पांडे जी। आप हमेशा की तरह इस बार भी मेरी कविता को सराहा। बहुत बहुत धन्यवाद। 

+

New Report

Close