बहारो मे जब अकसर कुछ फूल आते है

बहारो मे जब अकसर कुछ फूल आते है

ये पौधे बेबसी अपनी अकसर भूल जाते है

कुछ इस तरह मिलती है निगाह अजनबी से

कहना क्या होता है हम अकसर भूल जाते है

कल सरे राह नजरो की जो हम ने झलक देखी

वो कत्लेआम वाली रात अकसर भूल जाते है

मोहब्बत कैसे समझाऊ क्या एहसास होता है

सपने तुम्हारे देखते है जगना भूल जाते है

कुछ ऐसी हालत हो गयी है ज़िन्दगी की अब 

सुबह जो याद आता है शाम को भूल जाते है

मोहब्बत हो जाये तो समझना है बहुत आसान 

बहुत कुछ याद आता है बहुत कुछ भूल जाते है 

अनंत जैन
श्योपुर (म.प्र.)

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

New Report

Close