बात बतानी है

कुछ बात बतानी है कुछ बात छुपानी है,
लोगों को हर रोज नई कहानी सुनानी है,

बा मुश्किल ही सही करनी मनमानी है,
न दो कहनी किसीकी न चार लगानी है,

चुप नहीं रहना कुछ पल की जवानी है,
यूँहीं गुज़रने न दो ये तुम्हें ही बनानी है,

एहसासों के पन्नों में न पहचान दबानी है,
राही आग नहीं कलम पानी पे चलानी है।।

राही अंजाना

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